बुधवार, जनवरी 25, 2012

देश मेरा जान मेरी

हुए थे सूरमा कई , जो खेले थे जान पर 
उनके ही प्रताप से , ये देश स्वतंत्र है   ।
न हो तानाशाह कोई , जनता का राज रहे 
दे संविधान बनाया , इसे गणतन्त्र है   ।
अधूरे  रहे  सपने , जनता  लाचार  हुई 
न रहा ईमान कहीं , भ्रष्ट सारा तन्त्र है   ।
बचे नहीं भ्रष्ट कोई , हो न यहाँ कष्ट कोई 
देश मेरा जान मेरी , यही एक मन्त्र है ।

* * * * *

8 टिप्‍पणियां:

Asha Lata Saxena ने कहा…

अच्छी रचना घनाक्षरी में |'देश मेरा जान मेरी यही एक मन्त्र है '
बहुत सही मन्त्र है \
आशा

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

बहुत बढ़िया !

गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज 26 जनवरी है।
लोग ख़ुश हैं। ख़ुश होने की वजह भी है लेकिन जो लोग आज के दिन भी ख़ुश नहीं हैं उनके पास भी ग़मगीन होने की कुछ वजहें हैं। हमारा ख़ुश होना तब तक कोई मायने नहीं रखता जब तक कि हमारे दरम्यान ग़म के ऐसे मारे हुए मौजूद हैं जिनका ग़म हमारी मदद से दूर हो सकता है और हमारी मदद न मिलने की वजह से वह उनकी ज़िंदगी में बना हुआ है।
हमारे अंदर अनुशासन की भावना बढ़े, हम ख़ुद को अनुशासन में रखें और किसी भी परिस्थिति में शासन के लिए टकराव के हालात पैदा न करें।
जो लोग आए दिन धरने प्रदर्शन करते हुए शासन और प्रशासन से टकराते रहते हैं, उन्हें 26 जनवरी पर यह प्रण कर लेना चाहिए कि अब वे देश के क़ानून का सम्मान करेंगे और किसी अधिकारी से नहीं टकराएंगे बल्कि उनका सहयोग करेंगे।
टकराकर देश को बर्बाद न करें।
लोग अंग्रेज़ो से टकराए तो वे देश से चले गए और आज बहुत से लोग यह कहते हुए मिल जाएंगे कि देश में आज जो असुरक्षा के हालात हैं, ऐसे हालात अंग्रेज़ों के दौर में न थे।
कहीं ऐसा न हो कि फिर टकाराया जाए तो देश और गड्ढे में उतर जाए।
सो प्लीज़ हरेक आदमी यह भी प्रण करे कि अब हम क्रांति टाइप कोई काम नहीं करेंगे।
जो राज कर रहा है, उसे राज करने दो।
एक जाएगा तो दूसरा आ जाएगा।
अपना भला हमें ख़ुद ही सोचना है।

सादर ,

Read entire message :
प्लीज़ क्रांति न करे कोई No Revolution
http://www.ahsaskiparten.blogspot.com/2012/01/no-revolution.html

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुती....
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें..

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Bahut khoob ... Sach kaha hai ...
Gantantr diwas ki Baha'i ...

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सारगर्भित और सुन्दर प्रस्तुति...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति

बेनामी ने कहा…

खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है, स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम
इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें
अंत में पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..

हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.

.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
..
Here is my web page ; खरगोश

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